Sunday, 5 January 2014

तीव्र इच्छा पूर्ती धूमावती साधना

                                                      तिव्र ईच्छा पुर्ति धुमावती साधन-





धूमावती साधना एक सफल अनुभूत और तीव्र प्रभाव युक्त प्रयोग है ..
यह केवल एक दिन की ही साधना है और अपने जो भी इच्छा हो वोह भगवती अवस्य पूरी करती है ..
विषम परिस्थिति में आप यह साधना नौ दिन तक जारी रखे ..
वैसे तोह एक ही दिन बहुत है इस साधना के लिए पर हमारे अन्दर उर्जा के कमी के कारण कभी कभी हमरे द्वारा किया गया साधना सफल नहीं होता है पर इसमें ऐसा नहीं है भगवती अवस्य ही मनोकामना पूरी करती ही है ..


विधान ................
अपने सामने गोबर के उपले ज्वाला के उसमे गुग्गल दाल के धुआ करते रहे साधना के वक्त लगातार धुआ होते रहना अवश्यक है ..

माला रुद्राक्ष की ..11 माला जाप करना है
दिन .. शनी वार . मंगल वार  ,रवि वार , या किसी भी दिन ...
समय रात के महा निशा ..
स्थान जहा आप को सुबिधा हो और कोई परेशां न करे ..
वस्त्र व् आसानी लाल ..
दिशा उत्तर या आप के सुविधा अनुसार ..
आसन  पद्म आसन ..

मंत्र ,,,,,,
आई आई धूमावती माई ..
सुहाग छेड़े कोन कुले जाई ..
धुआ होय धू धू कोरे .
आमार काज ना कोरले .
शिबेर जोटा खोसे भुमिते पोड़े ...

aai aai dhumawati maai..
suhag chhede kon kule jaai ..
dhua hoy dhu dhu kore ..
aamar kaaj naa korle
shiber jota khose bhumite pode..
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जय जय तारा ..
जय वाम ..गुरु वाम ..

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