Tuesday, 6 January 2015

TANTRA RAKSHA KAVACH

जय माँ तारा  प्रिय आत्मन

आप में से बहुत लोगो ने मुझसे रिक्वेस्ट किया था की
आचार्य जी कोई एक ऐसा कवच बनाके हमे प्रदान करे जिससे हम समस्त प्रकार के तंत्र प्रयोगो से सुरक्षित रहे

तो मैंने आप के इस रिक्वेस्ट को माई के आगे व् गुरु श्री के रख दिए थे आज उन्होंने अनुमति प्रदान किये मुझे

मैं पांच जुलाई से शुरू होने वाले गुप्त  नवरात्र में कवच निर्माण करने जा रहा हूँ आप सब के लिए

किन्तु एक बात आप को बताना अव्सय्क समझता हूँ

की यह तंत्र प्रयोग होता क्या हैं ?
कैसे होता है /
व्
कौन और क्यों किया व् हो जाता हैं ?

मेरे आत्मन तंत्र प्रयोग तीन कारणों से होता है

एक शत्रु द्वारा किया व् करवाया जाता है
दूसरा राहु ग्रह या ग्रहों के दशा में भी होता है
तीसरा हम स्वम् ही अपने आप पर  अपने परिवार पर अनजाने में ही कर देते है जिसका हमे भनक तक नहीं लगता और हम परेशान हो जाते हैं

शत्रु द्वारा,,,

 कुछ लोग होते हैं जिन्हे हमारी उन्नति से,, सुख से,, हमारी घर की शांति से उन्हें बड़ा जलन होते हैं,,, वह लोग खुद  दुखी हैं और हमे भी अपने जैसा दुखी देखना चाहते हैं ,,, और इसके लिए वह किसी भी हद को पार कर जाते हैं,,,

हम पर प्रयोग करवाने वाला ज्यादातर हमारे अपने ही होते हैं
क्योंकि घर में खाना कहाँ बनती हैं यह हमारे अपने लोग ही जानते हैं
या तो वह स्वम् ही छोटे मोटे शाबर टोटके कर देते हैं या फिर आप के व्यक्ति विशेष की बाल ,पैर के निचे की मिटटी ,पहने हुए कपडे का टुकड़ा काटके तांत्रिक को देकर प्रयोग करवा देता है,,और कुछ खिलने के लिए दे तो प्रसाद के रूप में लाकर सब को खिला देते हैं,,और हम प्रसाद समझके खा भी लेते हैं,,,,

ग्रह द्वारा ,,,,,,,,

राहु स्वम् एक महान तांत्रिक ग्रह हैं
इसकी दृष्टि में आने वाले व्यक्ति पर तंत्र प्रयोग होगा ही होगा,,,,
तभी तो कोई भी तंत्र प्रयोग जब सफल नहीं हो पता तब राहु की व् छिन्नमस्ता दोनों की एक साथ पूजा की जाती है
ताकि प्रयोग बिजली के झटके के जैसा काम कर जाय,,,,,

स्वम् के द्वारा ,,,,,,

यह मामला थोड़ा पेचीदा हैं
क्योकि हम कब अपने आप पर प्रयोग कर देते हैं हमे पता ही नहीं चलता,,,

हमारे सनातन धर्म में ज्ञानी लोगो ने कुछ नियम बताके गए हैं
जैसे की
विस्तर पर खाना नहीं खाना
जूठे हाथ किसी बच्चो या बड़ो को स्पर्श नहीं करना
बिना हाथ धोये या खाते खाते बाहर न जाय
जहाँ खाया जाय वहां पोंछा अवस्य लगाया जाय
शनिवार को नाख़ून न काटे या जन्म वार को बाल नाख़ून न काटे और काटके इधर उधर फेंके नहीं
ऐसे बहुत से बाते हैं जिसका हम कभी कभी पालन नहीं कर पाते और हो जाते है हम अदृश्य शक्ति का शिकार
रात को सेंट लगाकर बाहर जायेंगे तो इतर योनिओ की दृष्टि में तो आप आ ही जायेंगे
उच्छिष्ट भोजन या थाली को ऐसे ही छोड़ देंगे तो पिशाच तो आ ही जायेंगे आप के घर
और तब आप परेशान हो जाते है,,,,

बात यहीं पर ख़त्म नहीं होता ,,,,

अगर शत्रु द्वारा किया गया हैं
तो किसे पता की कौनसी प्रयोग किया गया है ?
शाबर ,,तांत्रिक,,या वैदिक ,,??

शाबर प्रयोग तो
कौनसी मंत्र ??
शबरी झुमरी डामरी वराठी ?/

तांत्रिक प्रयोग तो कौनसी विद्या ???
हादी
कादी
या
सादी ??

वैदिक तो कौनसी वेद का मंत्र या उपनिषद पुराण के ??

क्योंकि जब तक सही रूप से बीमारी का पता नहीं चल जाता तब तक उसका इलाज भी असम्भव है


और तो और आज कल बाजार में बहुत से तंत्र रक्षा कवच उपलब्ध हो गया है २१०० में ३१०० ५१०० में बड़े आसानी से आप को मिल जायेंगे

किन्तु ऐसे कवच धारण करने से आप छोटे मोटे नजर दोषो से या प्रयोगो से सुरक्षित तो  रहेंगे पर जब अघोर प्रयोग या वराठी प्रयोग कौलाचार प्रयोग किया जाय ,,,तब ????

क्योंकि अघोर प्रयोग
कौलाचारी प्रयोग
वराठी प्रयोग का वार कभी खली नहीं जाता
और कौलाचार द्वारा किया गया प्रयोग को स्वम् माँ और शिव छोड़के कोई नहीं काट सकता ,,तब ?

एक औरबात बताना जरुरी हैं यहाँ पर की
कोई भी प्रयोग निष्फल नहीं जाता
क्योंकि किसी का बुरा भी उसी देवी के मंत्र से किया जाता है
और भला भी उसी देवी के मंत्र से

 बहुत से तांत्रिक लोग क्या करते है
कवच तो बना के दे देते है किन्तु उस व्यक्ति का दायित्व नहीं लेते
और कोई उस व्यक्ति पर प्रयोग करता है तो उसे तो नहीं लगता किन्तु वह व्यक्ति जिससे प्रेम करते है या स्नेह रखता है उस पर वह प्रयोग लग जाता है
और वह व्यक्ति कवच पहने हुए भी मानसिक चिंता से ग्रसित हो जाता परेशान हो जाता है ,,,
क्यों ?
क्योंकि उस तांत्रिक ने कवच तो बनाकर दे दिए किन्तु आने वाले समय में जो प्रयोग होगा उसका दायित्व नहीं लेते
और कोई भी प्रयोग निष्फल नहीं होता यह शाश्वत सत्य है
तो प्रयोग किसी न किसी को तो लग ही जायेगा उस व्यक्ति विशेष के परिजनों में से ,,,,

आप किसी भी तांत्रिक से कवच बनवाए और उनसे यह कहिएं की अगर मेरे ऊपर प्रयोग होता है तो क्या आप उस प्रयोग अपने ऊपर लेंगे ??

कन्नी काट के चला जायेगा वह तांत्रिक ,,,,,   किन्तु स्वम् पर नहीं लेगा ,,,,


 मैं जो कवच बना रहा हूँ वह दिव्य ही नहीं दुर्लभ भी हैं
क्योंकि मैंने लामा योगिओ से इस दुर्लभ कवच के विषय में जाना था

और इस कवच को वेह ''हिस होलिनेस ''' नाम से सम्बोधित करते हैं
इसको धारण  से आप को सुरक्षा तो प्राप्त होगा ही साथ यदि आप शम्शानिक साधना में रूचि रखते है तो तब भी यह आप का सुरक्षा करेगी
उग्र साधना में तो यह आवश्यक हैं ही ,,गलत परिणाम यह कवच सोख लेता है ,,,,

और सबसे बड़ी बात कवच पहनने के बाद यदि आप पर कोई कैसी भी तंत्र प्रयोग करे वह आप पर तो लगेगा ही नहीं और आप के परिवार में भी किसी को नहीं लगेगा क्योंकि वह प्रयोग सीधा मुझे लग जायेगा ,,, पहनने के बाद कोई गलत हो सबके सब मुझे आकर लगेगा ,,, क्योंकि वह कवच मैं आप को दे रहा हूँ ,, आप ने मुझ पर विश्वास किया और मेरा यह कर्तव्य है की आप के विश्वास को तोडू नहीं ,,आप को कष्ट न पहुंचे ,,इसीकारण सभीप्रयोग मुझ तक पहुँच जायेगा ,,,,क्योंकि मैं आप के नाम से हाथ में तीर्थ लेके संकल्प करूँगा की धारक के सभी प्रयोग मुझे आकर लगे,, माई का मंत्र है चाहे वह अच्छा हो या बुरा माई का सेवक होने के नाते मुझे सब सहर्ष स्वीकार है 


मेरे आत्मन ,,,

अगर आप चाहते हैं की आप के लिए भी मैं लामा प्रद्धति द्वारा ""हिस होलिनेस """कवच का निर्माण करूँ अमावस से,, तो जितनी जल्दी हो सके मेरे ईमेल id पर मेल करके नाम ,,गोत्र,,,पिता का ,,माता नाम बता दीजिये ,,, और अपना सम्पूर्ण पता भी पोस्टल कोड के साथ ,,क्योंकि आप को कवच रजिस्टर पार्सल द्वारा भेजा जायेगा ,,,,
और यह फ्री में नहीं मिलेगा भाई ,,
मैं दूसरे तांत्रिको की तरह अमीर तो हूँ नहीं
म्हणत करके कमाता हूँ
और मेरे पास इतने पैसे हैं नहीं की सबको फ्री में दे दूँ

कवच चांदी में रहेगा और चांदी भी महंगा आता और उसके ऊपर अमावस को कवच लेखन नौ दिन तक तक जाप और फिर उस जाप के ऊर्जा कवच प्रेक्षित करुसे चैतन्य कर दशमी को उग्र प्रचण्डा तारा की हवन ,,और यह सब मैं अकेला नहीं कर सकता इसके लिए मेरे कुछ शिष्य भी मेरी सहायता करेंगे ,,,

इतना सब कुछ होते हर भी मैंने एक कवच का दक्षिणा 1100 रूपया रखा हैं

अगर आप को चाहिए तो ईमेल कर दीजिये या कॉल करे ,,,

ईमेल  sagarshrimali@live.com

+918123468271

जय माँ तारा